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चर्चा मंच पर पोस्ट बहुत ज्यादा हो जाती है!
इसलिए अक्सर नन्हे-सुमनों की
नये टेम्पप्लेट पर
प्रस्तुत कर रहा हूँ!
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आज सबसे पहले
-आगे बढ़ने से पहले आप ये पढ़ आइये…सारे कमेन्ट्स भी पढ़ियेगा ध्यान से
और एक कमेंट पर अटक जाइयेगा… http://indiascifiarvind.blogspot.com/2010/09/blog-post.html ज...
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अब देखिए -
- हो गया बर्थडे, कितने दिनों से मै रोज कैलेंडर देख रही थी
अब अगले साल तक फिर इंतज़ार करना पड़ेगा :
( बहुत मज़ा आया .... सुबह मुझे बाबा ने उठाया, वो और मम्मा गा रह...
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अब देखिए इस नन्ही
लविज़ा | Laviza का चिन्तन!
भारत, जहाँ करोड़ों लोग गरीबी की रेखा से नीचे जीवन गुजारने को अभिशप्त हैं.
जिन्हें भोजन, कपडा और छत जैसी जरूरी चीजें भी मयस्सर नहीं.
ऐसे में व्हर्लपूल ने ग...
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में एक सीख है सबके लिए!
-*सब्जियां खाना हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है |
ऐसा स्कूल में टीचर और घर में ममा हमेशा समझाती हैं |
लेकिन सब्जियां भी कितनी तरह की होती हैं..... अ...
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: कोयल-बुलबुल की बातचीत संजीव 'सलिल' * कुहुक-कुहुक कोयल कहे:
'बोलो मीठे बोल'. चहक-चहक बुलबुल कहे:
'बोल न, पहले तोल'.. यह बोली: 'प्रिय सत्य कह, क...
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* * * * * पहले पापा के डंबल शंबल को ही आजमाती हूं * ** *
* * ** अरे ये तो मेरे बाएं हाथ का खेल है जी **
** लो देखो कितना आसान है ... ** *
* * *चलिए अब अग...
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अनुष्का कह रही हैंमैंने भी देखा रावण दहन आप भी देख लीजिए ना!
दशहरे के दिन शाम को मम्मी पापा के साथ
मैं यहाँ पास के मंदिर गई ......जहाँ आस पास रहने वाले सभी हिन्दुस्तानियों ने मिलकर रावण दहन का आयोजन किया था. रावण थोड़ा छोटा था लेकिन यहाँ आतिशबाजी और इस तरह के आयोजनों की अनुमति नहीं होती...इसके लिए स्पेशल परमिशन की ज़रूरत होती है . मम्मी बता रही थी न्यू जर्सी में जहाँ हम रहते थे वहाँ और भी बड़ा रावण बनाया जाता है, पर मैंने तो यहाँ भी आनन्द लिए ....
मैं यहाँ पास के मंदिर गई ......जहाँ आस पास रहने वाले सभी हिन्दुस्तानियों ने मिलकर रावण दहन का आयोजन किया था. रावण थोड़ा छोटा था लेकिन यहाँ आतिशबाजी और इस तरह के आयोजनों की अनुमति नहीं होती...इसके लिए स्पेशल परमिशन की ज़रूरत होती है . मम्मी बता रही थी न्यू जर्सी में जहाँ हम रहते थे वहाँ और भी बड़ा रावण बनाया जाता है, पर मैंने तो यहाँ भी आनन्द लिए ....
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बाल-संसारBAL SANSAR में पढ़िए-
- रतन चन्द रत्नेश चश्मा चढ़ाए आंखों पर, बिल्ला जी पढ़ रहे थे अखबार।
एक खास खबर को वे बांच रहे थे बार-बार।
तभी रसोई से चीखी बिल्ली, बाद में पढ़ना यह अखबार। बच्चो...
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और यह रही-
-*..ये रही मेरी एक और ड्राइंग. इसमें मैंने सूरज दादा बनाया, बादल बनाया,
फूल बनाये...अले सब मैं ही बता दूंगीं तो आप क्या बताएँगे.
अच्छी लगी ना आपको मेरी यह ...
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-अष्टमी और नवमी के बाद सारे देश ने धूम-धाम से दशहरे का त्योहार मनाया.
पंखुरी भी सबके साथ थी. दशमी के दिन का प्रोग्राम पहले से फ़िक्स था
और बेटी को सपरिवार मे...
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नन्ही परी सुना रही हैं अक सुन्दर गाना!
-जो गाना आज मै सुनाने जा रही हूँ वो आजकल मेरा बहुत ही पसंदीदा गाना है
और मै ये हमेशा गुनगुनाती रहती हूँ |
आप सब भी सुने इसे मेरी आवाज में और साथ में मेरा डा...
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BAL SAJAG पर है-
इस धरती पर जिसने जन्म लिया उसकी है एक अमूल्य कहानी
नहीं किसी ने गौर किया है अपनी जीवन की कहानी
को सोच-सोच के न जाने कितने सपने रखे थे उ...
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मिलकर रहते कितने सारे - संजय भास्कर
-देखो एक गगन पर तारे, मिलकर रहते कितने सारे
नन्हें-मुन्ने प्यारे बच्चों, इनसे मिल कर रहना
सीखो अपना लो तारों की आदत,
लगने लगोगे सबको प्यारे या फिर ...
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पापा के दोस्त संजीव अंकल जो हमारे पड़ोसी है,
दशहरे की छुट्टी के समय पापा को
लाहुल -स्पीती ( हिमाचल प्रदेश ) चलने के लिए कह रहे थे .
लंबा प्रोग्राम और पारि...
माधव ने बनाया है यात्रा का प्रोग्राम!
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और अन्त में-
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.....कारावास बहुत दुखदायी।
जेल नहीं होती सुखदायी।।
मत देना इसको अवसाद।
करना तोते को आज़ाद।।
जेल नहीं होती सुखदायी।।
मत देना इसको अवसाद।
करना तोते को आज़ाद।।
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बहुत सुन्दर बाल चर्चा !
ReplyDeleteआज तो बहुत ही सुन्दर बाल चर्चा की है ………………काफ़ी लिंक्स मिले और कुछ पर बाद मे जाऊँगी…………आभार्।
ReplyDeleteआदरणीय मयंक अंकल को पंखुरी बेटी की ओर से प्यार और आभार, उसे उसके सब दोस्तों के साथ जोडॆ रखने के लिये.
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ReplyDelete"सरस पायस" पर उड़ रही पतंग की चर्चा के लिए आभार!
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पहले भी कह चुका हूं कि इससे सुंदर चर्चा और इससे सुंदर सहेजने के लिए और क्या हो सकता है भला
ReplyDeleteवाह, कित्ती प्यारी चर्चा..मजा आ गया...मेरी ड्राइंग भी यहाँ है.
ReplyDeleteआदरणीय शास्त्री जी, बाल चर्चा मंच पर आकर तो हर बार ही कुछ समय के लिये एकदम बच्चा बन जाता हूं ---इतने सारे नये होनहारों को एक साथ देखना उन्हें पढ़ना वाकयी बहुत ही सुखद लगता है। बच्चों के इन ब्लाग्स को एक जगह पर एकत्रित करने का आपका यह प्रयास सराहनीय है। शुभकामनाओं के साथ।
ReplyDeleteप्यारी चर्चा। इन देश के भविष्य को ढेरों शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रही...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर बाल ब्लॉगर चर्चा नानाजी .....आभार !
ReplyDeleteअनुष्का
sundar
ReplyDeleteसभी दोस्तों की बहुत सुंदर और प्यारी चर्चा ...... मेरी वेजिटेबल क्लास की भी आपने यहाँ बात की ..... धन्यवाद आपका
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