------------------
------------------
------------------
- मैंने देखा घोंघा मैंने देखा घोंघा , नाम था नकली लॉग....
पानी में वह रहता था, नहीं किसी से डरता था.....
तभी वहां आया एनाकोंडा, तुरन्त निकला फोड के अण्डा.......
------------------
नन्हे सुमन में देखिए!
झटपट पेड़ों पर चढ़ जाता।
गली मुहल्लों और छतों पर, खों-खों करके बहुत डराता।
कोई इसको वानर कहता, कोई हनूमान बतलाता। ...
------------------
------------------
संजीव 'सलिल' ने लिखा है
नन्हा मन पर
(लोस एंजिल्स अमेरिका से अपनी मम्मी रानी विशाल के साथ
ददिहाल-ननिहाल भारत आई नन्हीं अनुष्का के लिए है यह गीत)
लो भारत में आ...
------------------
------------------
बाल-मन पर
शुभभावना और शुभकामना से परि पूर्ण
-भवानी प्रसाद मिश्र का गीत पढ़िए!
साल शुरू हो दूध दही से साल खत्म हो शक्कर घी से।
पिपरमैंट, बिस्कुट मिसरी से रहें लबालव दोनों खींसे।।
मस्त रहें सड़कों पर खेलें ऊधम कर...
------------------
भी तो देख लीजिए-
यह देखो मैंने समुद्र के किनारे क्या बनाया. नहीं समझ में आया...
अच्छा ये देखिये. अले वाह, यह तो बन गया...
हुर्रे.अब आप भी देख लीजिये. पहले मैंने रेत का टीला ...
------------------
------------------
बाल-संसारBAL SANSAR में पढ़िए-
- रतन चन्द रत्नेश चश्मा चढ़ाए आंखों पर, बिल्ला जी पढ़ रहे थे अखबार।
एक खास खबर को वे बांच रहे थे बार-बार।
तभी रसोई से चीखी बिल्ली, बाद में पढ़ना यह अखबार। बच्चो...
------------------
अनुष्का भारत आ रहीं हैं!
इनका स्वागत कीजिए!
- १७ नवम्बर २००७ .....निवार्क एयरपोर्ट से
आज शाम हम मुंबई के लिए उड़ान भरने वाले है .
मैं बहुत ख़ुशी ख़ुशी ममा के साथ तैयार हो कर बाहर निकली .....
मुझे बाहर...
---------------------
*पंखुरी टाइम्स* का एक अंक पंखुरी बेटी के शब्दकोष के बारे में था,
आपने ज़रूर पढा होगा.बिटिया के विकास क्रम में शब्द बोलना सीखने
और खुद नये शब्द गढने की प्रक्...
--------------------
और अन्त में-
-----------------------
माधव कितने खुश हैं अपना कारनामा बता कर!
जिसका शीर्षक ही शैतानी भरा है!
-कल पापा -मम्मी , बड़े पापा के साथ ड्राइंग रूम में बाते कर रहे थे ,
मै दूसरे कमरे में खेल रहा था .
खेलते खेलते मेरे हाथ पापा की एक कॉपी लग गयी , बस क्या था ...
---0---0---0---