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20 July, 2010

"चर्चा बच्चों के ब्लॉगों की-7!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

 चलते सीना तान के! 
ये बच्चे हिन्दुस्तान के!!
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आज की पहली चर्चा है -



-बच्चे हिन्दुस्तान के चलते सीना तान के तानसेन की तरह गा रहे नया तराना शान से। हम किरणों जैसा चमकाते कण कण के इतिहास को हम विलास को छोड़ मोड़ते वैभवपूर्ण विल...

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आज की दूसरी चर्चा है - 
 पाखी की दुनिया

दो दिनों तक चिड़िया-टापू पर रही. ना तो मोबाईल का नेटवर्क मिला और ना ही 3-जी। बड़ा मजा आया. बारिश में जमकर भीगी. ममा-पापा की डांट भी सुनी. और जब लौटकर आई तो..
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और यह रही आज की तीसरी चर्चा-

-उषा यादव- *खिचड़ी के यार* चिड़िया ले कर आई चावल और कबूतर दाल। बंदर मामा बैठे-बैठे बजा रहे थे गाल। चिड़िया और कबूतर बोले- मामा, लाओ घी। खिचड़ी में हिस्सा ..
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चौथे नम्बर की चर्चा में है-

बारिश का मौसम.. कमरे में आती तेज ठंडी हवा ऐसे में कौन खुश न हो ये लहराती जुल्फें.. ये घुंघराले बाल... क्या बात है मेरे लाल.. ये सोफासन.. शाम को मस्ती...
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पाँचवे स्थान पर चर्चा करते है-


 
मस्ती करने को मन तरसे सरस रहे हैं खेत हमारे, फसल लिखेगी नई कहानी। ख़ुश हैं बहुत हमारी नानी, अहा, अहा, अब बरसा पानी। गरमी भागी, आई बारिश, सबके मन को भा...

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 छठी पायदान पर आज है-

बरसात का महीना बरसा पानी आया बरसात का महीना , सभी ने मिलकर खूब झूमा.... फसल कटी और भीगे खेत, राजस्थान से भी हट गयी रेत.... आ गयी गाँव में हरियाली, रही न सीमा..
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 बच्चों के ब्लॉगों की चर्चा में-
माधव को भला कैसे भूल सकते हैं?

-माधव ने डम्ब बेल देखे और सोचा कुछ हाथ आजमाया जाय . पर बहुत प्रयास के बाद भी डम्ब बेल नहीं उठे . फिर सोचा कुछ बड़ा हो जाऊ फिर बॉडी बनाउंगा , वैसे अपनी बॉडी..
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 यह ब्लॉग भी तो बच्चों का ही है-
 नन्हे सुमन

*“सुनिए-मेरा टेलीफोन"* *"स्वर - अर्चना चावजी का”** 
* *होता कभी नही है मौन!* 
*यह है मेरा टेलीफोन!!* * 
* *इसमें जब घण्टी आती है,* *...
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I love going out in the 
Rain ...?  


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ब्‍लॉग की पहली सालगिरह मुबारक हो!

 पता है। आज उन्‍नीस जुलाई है। 
आज का दिन आपके लिए
 भले ही कोई मायने ना रखता हो पर 
मेरे लिए बहुत मायने रखता है। 
आज मेरे ब्‍लॉग की पहली सालगिरह है।
 पिछले सा..


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*पड़ते कुल्हाड़े पेड़ों पर जब* *उनके भी आंसू बहते हैं*** *सोचो जरा इक बात तो आखिर*** *क्या वो भी हमसे कुछ कहते हैं?*** * * *जो हैं हमारे जीवन रक्षक*** ..
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-बच्चो, तुम्हारी सभी पुस्तकें कागज से बनी हुई होंगी। तुम सोचते होगे कि पुस्तकें केवल कागज से ही बनी होती हैं। मगर ऐसा नहीं है। पहले लोग वृक्षों के चौड़े..
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*दादाजी * दादाजी हो गए रिटायर लगे काम में रहते अब भी पहले जैसी मुस्तैदी से देखभाल करते हैं घर की। वे जस के तस स्वस्थ मस्त हैं जैसे फिर जी रहे जवानी देख चम..
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नन्ही परी
अजी वाह वाह वाह 
मिलो मेरी किट्टी से :) 
और अब बिल्ली वाली ये कविता :)-
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-इधर-उधर कि बात किये बिना मैं सीधे प्वाइंट पर मतलब कहानी पर आता हूँ.. एक धोबी के पास एक गधा और दो कुत्ते थे.. गधा गधामजूरी करता था और दोनों कुत्ते घर कि रखव...
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 वो जो मन को भाती है, अपनी मां कहलाती है. वो जो हमको खुशियां देती, खुद पे सारे दुख को लेती., बन के रहस्य ,रहती है मौन. जरा बताओ वो है कौन.. एक सहेली,एक माता..
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 लविज़ा | Laviza
वो ये की मेरे कुछ दोस्त अक्सर कहा करते थे की लवी, 
आपसे हम बातें नहीं कर पाते
 क्यूंकि आपके ब्लॉग का कमेन्ट सिस...
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कल सोलह जुलाई को हमारे छोटे चाचा का जन्मदिन था। 
चाचा तो बाहर सर्विस करते हैं और उनको छुट्टी न मिलने के कारण 
वे इस बार घर नहीं आ सके। 
(ये है चाचा की स्टाइल..
  
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और अन्त में- 
 शैशव
पसन्दीदा चिट्ठों और वेबसाईट्स की कोई पोस्ट न छूटे : गूगल रीडर गूगल रीडर आपके पसन्दीदा चिट्ठों और समाचार वेब साइटों में प्रकाशित हर नई सामग्री की खबर रखता है । चिट्ठा या साइट पर प्रतिदिन नई पोस्ट प्रकाशित होती हो अथवा ...

6 comments:

  1. बच्‍चों के ब्‍लोग की मनभावन चर्चा .. बहुत अच्‍छा लगा !!

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  2. बहुत सुन्दर चर्चा... बहुत खुब..

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  3. अले वाह, हम बच्चों की खूब चर्चा...मजेदार है ये तो.

    'पाखी की दुनिया' की चर्चा के लिए आपको ढेर सारा प्यार व आभार.

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