"धरा के रंग"
29 September, 2022

संस्मरण "डोल गया ईमान" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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सरासर बे-ईमानी!       मेरे अमर भारती आयुर्वेदिक चिकित्सालय में गठियावात की दवाई लेने के लिए खटीमा के आस-पास और पड़ोसी राष्ट्र न...
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04 July, 2022

गीत "संसार सुहाना लगता है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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वक्त सही हो तो सारा ,  संसार सुहाना लगता है। बुरे वक्त में अपना साया भी ,  बेगाना लगता है।। -- यदि अपने घर व्यंजन हैं ,  तो बाहर घी की थाली ...
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12 June, 2022

गीत "नभ में घन का पता न पाता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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सूरज आग उगलता जाता। नभ में घन का पता न पाता।१। जन-जीवन है अकुलाया सा , कोमल पौधा मुर्झाया सा , सूखा सम्बन्धों का नाता। नभ में घन का पता न पा...
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30 March, 2020

संस्मरण "देवदूत कांस्टेबिल दीपक कुमार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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      खटीमा से 27 किमी दूर कुमाऊँ का पर्वतीय द्वार टनकपुर नाम का एक छोटा नगर है। जहाँ की एक बुजुर्ग महिला कमला देवी का गठिया-वा...
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08 March, 2015

"अन्तर्राष्ट्रीय महिलादिवस-मैं नारी हूँ...!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

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नारी की व्यथा मैं धरती माँ की बेटी हूँ इसीलिए तो सीता जैसी हूँ मैं हूँ कान्हा के अधरों से गाने वाली मुरलिया, इसीलिए ...
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