tag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post2648564455575568368..comments2024-02-04T15:23:54.064+05:30Comments on "धरा के रंग": "नया निर्माण" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')शास्त्री "मयंक"http://www.blogger.com/profile/04535724588279987792noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post-20842464515636223052013-09-28T09:34:01.177+05:302013-09-28T09:34:01.177+05:30
परिणय और प्रणय की सरगम गूँज रहीं घाटी में,
चन्दन ...<br />परिणय और प्रणय की सरगम गूँज रहीं घाटी में,<br />चन्दन की सोंधी सुगन्ध आती अपनी माटी में,<br />भुवन भास्कर स्वर्णिम किरणें धरती पर फैलाता।<br />विध्वंसों के बाद नया निर्माण सामने आता।।<br /><br />सुन्दर चित्रण प्रकृति के राग रंग का गुंजन <br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com