tag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post6843316613956386940..comments2024-02-04T15:23:54.064+05:30Comments on "धरा के रंग": "आगे बढ़कर देखो तो..." (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)शास्त्री "मयंक"http://www.blogger.com/profile/04535724588279987792noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post-44061768110073237442013-12-24T13:11:45.835+05:302013-12-24T13:11:45.835+05:30सुन्दर संकल्पों को नया रंग देती अप्रतिम रचना
त...सुन्दर संकल्पों को नया रंग देती अप्रतिम रचना <br /><br /><br />तुम मनको पढ़कर देखो तो! <br />कुछ आगे बढ़कर देखो तो!! <br /><br />चन्दा है और चकोरी भी, <br />रेशम की सुन्दर डोरी भी, <br />सपनों में चढ़कर देखो तो! <br />कुछ आगे बढ़कर देखो तो!! <br /><br />कुछ छन्द अधूरे से होंगे, <br />अनुबन्ध अधूरे से होंगे, <br />कुछ नूतन गढ़कर देखो तो! <br />कुछ आगे बढ़कर देखो तो!! <br /><br />सागर से मोती चुन लेना, <br />माला को फिर से बुन लेना, <br />लहरों से लड़कर देखो तो! <br />कुछ आगे बढ़कर देखो तो!!virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post-69495468713784499982013-12-24T10:12:47.305+05:302013-12-24T10:12:47.305+05:30लहरों से लड़ते आगे बढ़ना जीवन का सकरात्मक दृष्टिकोण ...लहरों से लड़ते आगे बढ़ना जीवन का सकरात्मक दृष्टिकोण है !<br />प्रेरक रचना !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.com