tag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post4158973238676931240..comments2024-02-04T15:23:54.064+05:30Comments on "धरा के रंग": "सावन आया" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')शास्त्री "मयंक"http://www.blogger.com/profile/04535724588279987792noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post-86877702178755010942013-08-27T11:18:27.602+05:302013-08-27T11:18:27.602+05:30खेत धान से धानी-धानी,
घर मे पानी बाहर पानी,
मेघों ...खेत धान से धानी-धानी,<br />घर मे पानी बाहर पानी,<br />मेघों ने पानी बरसाया।<br />अति सुन्दर बरसात हुई। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post-63078671198392910412013-08-27T07:20:45.812+05:302013-08-27T07:20:45.812+05:30सुंदर रचना !सुंदर रचना !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6179172012135228892.post-90709213039327079172013-08-26T21:26:58.688+05:302013-08-26T21:26:58.688+05:30कृष्ण-जन्माष्टमी की अग्रिम वधाई ! मित्र आज गद्य मे...कृष्ण-जन्माष्टमी की अग्रिम वधाई ! मित्र आज गद्य में विचार अभिव्यक्ति को रोक नहीं पाया | दुराचार का ऐसा भीषण स्वरूप जोअध्यातं में पैठ गया है,एक ही सन्त (तथाकथित) के आचरण में पाया गया है , मन को हिला कर रख गया है |<br />सावन की सुन्दरता की झलकी इस रचना में बहुत ही अ<br /> देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.com